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1. एक कहानी की मौत

      एक कहानी की मौत अंधविश्वास, टोना टोटका, जादू, ज्योतिष, पुनर्जन्म, मस्त, मनोरंजक, मजेदार, थ्रिलर, हॉरर, भूत, सस्पैंस , रोचक, प्रेरक हो या आप बीती कहानी. कहानियों  में अक्सर  किरदर मरा करते हैं पर मेरी कहानी में तो कहानी की ही मौत हो गई. कैसे?? जानने के लिए पढिए… कहानी एक कहानी की […]

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2. ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

क्लिक करिए और सुनिए महिला की सोच और उसके विचारों का ताना बाना बुनती खूबसूरत सी छोटी सी कहानी ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio) नेट, Mobile  और सोशल मीडिया का  बहुत धन्यवाद क्योकि आज  इसी की वजह से हम अपने ब्लॉग पर न सिर्फ लिख सकते हैं बल्कि अपनी आवाज के जरिए भी आप […]

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3. बाल कहानी- ऑडियो – चॉकलेट की बेटी

क्लिक करिए और सुनिए  बच्चों की कहानी चॉकलेट की बेटी बाल कहानी- ऑडियो – चॉकलेट की बेटी कुछ दोस्तों की फरमाईश पर आज मेरी कहानी  फिर बच्चों के लिए है और कहानी का नाम है… चॉकलेट की बेटी … असल में, छोटे बच्चों को चॉकलेट का बहुत शौक होता है. 4 मिनट और 5 सैकिंड की कहानी […]

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4. लघु कहानी -ऑडियो -दाग – मोनिका गुप्ता

यहां क्लिक करिए और कहानी सुनिए.. लघु कहानी -ऑडियो -दाग – मोनिका गुप्ता नमस्कार !!आज मैं आपको सुनाने जा रही हूं कहानी “दाग”.  मरीज और डाक्टर के रिश्ते पर दिल को छू जाने वाली कहानी है. एक मरीज बेहद गंभीर अवस्था में एक बहुत बडे और जाने माने अस्पताल मे भर्ती करवाया जाता है. उम्मीद […]

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5. Short Story – Audio – Retirement – Monica Gupta

Short Story – Audio – Retirement – Monica Gupta क्लिक कीजिए और सुनिए कहानी नमस्कार … आज मैं आपको अपनी लिखी कहानी Retirement अपनी आवाज मे सुना रही हूं ये कहानी रवि कुमार की है जो सरकारी नौकरी से हाल ही में रिटायर हुए हैं और उन्हें उन सभी अपनो का इंतजार है जो हमेशा […]

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6. Short Story Lottery -Audio by Monica Gupta

Short Story Lottery -Audio by Monica Gupta मोनिका गुप्ता का नमस्कार !! आज सुनिए मेरी लिखी कहानी मेरी ही आवाज में जिसका शीर्षक है लॉटरी कहानी एक बहुत ही साधारण से परिवार की महिला की है जिसे बचपन मे बताया था कि उसकी लॉटरी निकलेगी.तो क्या उसकी लॉटरी निकली और और अगर  निकली तो कितने […]

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7. Audio – Short Story- Dard by Monica Gupta

Audio – Short Story- Dard by Monica Gupta पति पत्नी के खूबसूरत रिश्तों को दर्शाती कहानी है दर्द …   हमे किसी की कीमत का तभी अहसास होता है जब वो हमारी जिंदगी से हमेशा हमेशा के लिए चला जाता है … !! आईए सुनिए मेरी ही लिखी एक और कहानी  दर्द और बताईए कि […]

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8. Short Story – Audio- Monica Gupta

Click here to listen Audio Short Story – Audio- Monica Gupta आईए आज आपको सुनाती हूं एक मेरी लिखी कहानी ” मौन अभिव्यक्ति” मेरी ही आवाज में…… !!! कहानी 10 क्लास मे पढने वाले राहुल की है कि किस तरह से एक अंजानी महिला मौन रहते हुए उसका जीवन बदल देती है और जब राहुल […]

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9. ऑडियो – लघु कहानी- थकावट- मोनिका गुप्ता

  Audio of a short story by Monica Gupta ऑडियो – लघु कहानी- थकावट- मोनिका गुप्ता परिवार और नारी की दशा को दिखाती मेरी लिखी लघु कथा थकावट जरुर सुनिए और बताईए कि थकावट कहानी कैसी लगी ??  

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10. लघु कथा – पसंद ना पसंद (Audio)

  लघु कथा – पसंद ना पसंद (Audio) Mobile  और सोशल मीडिया का धन्यवाद क्योकि आज हम अपने ब्लॉग पर न सिर्फ लिख सकते हैं बल्कि अपनी आवाज के जरिए भी आप सभी तक पहुंच सकते हैं… आज सुनिए मेरी आवाज में मेरी लिखी कहानी पसंद ना पसंद …   जरुर बताईएगा कि कैसी लगी […]

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11. सोशल नेटवर्किंग साईट और विराट कोहली की नाराजगी

 तस्वीर गूगल सर्च से सा आभार सोशल नेटवर्किंग साईट और विराट कोहली की नाराजगी कल सारा दिन विराट कोहली का अनुष्का शर्मा के लिए किया गया टवीट और इंस्टाग्राम पर लिखी पोस्ट सुर्खियों में रही और देखते ही देखते न्यूज चैनलों ने इसे बहस का मुद्दा बना लिया. टी 20 के नम्बर वन बल्लेबाज विराट […]

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12. लेखन कला और मेरा सफर

लेखिका रुप में मेरा अनुभव अपने 26 साल के लेखन के अनुभव को 6 मिनट में वीडियों में दिखाने का प्रयास किया है..बेशक,  लेखन  चंद मिंंनट की वीडियों में दिखाना बहुत मुश्किल था क्योकि लेखक का हर लेख बहुत प्रिय होता है अगर सभी लेख लेती तो वीडियों बहुत लम्बी बन जाती इसलिए बहुत कम […]

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13. लघु कथा- बेटी

लघु कथा- बेटी एक छोटी सी पर कहानी… उनकी बेटी कुछ दिन घर रहने आ रही है इसका मतलब ” वो ” बखूबी जानते थे. बिना समय गवाऎ उन्होनें अपना फ्लैट गिरवी रखवा कर उसके द्वारा भिजवाई गई “मांगों की लिस्ट ” पर त्वरित खरीददारी शुरु कर दी… लघु कथा- बेटी  

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14. Audio Storytelling- kids story -Princess

Audio Storytelling- kids story -Princess मैं हूं राजकुमारी मणि मुझे बच्चों की कहानियां लिखने का बेहद शौक रहा है. बच्चों की कहानियां लिख कर खुद भी मन बच्चा ही बन जाता है. आज आप सुनिए मेरी लिखी बाल कहानी मैं हूं राजकुमारी मणि और जरुर बताना कि कहानी कैसी लगी Audio Storytelling- kids story -Princess […]

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15. कथा कहानी

कथा कहानी बहुत सम्भाल कर रखी हुई हैं ये कतरनें … पर कागज ही तो है पीला पडने लगा है इसलिए सोचा कि क्यू ना ब्लाग पर स्केन करके डाल लू इसी बहाने हमेशा मेरे पास रहेगा मेरा ये अनमोल खजाना यह कहानी गाजियाबाद (यूपी) के सांध्य दैनिक अथाह में 10 मार्च 1992 को प्रकाशित […]

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16. बच्चों की दुनिया

बच्चों की दुनिया   ( दैनिक जागरण में प्रकाशित ) समय समय पर बच्चों के लिए लेख , कहानियां अलग अलग समाचार पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही. बच्चा बन कर बच्चों के लिखना बहुत मजेदार अनुभव है … ( सांध्य दैनिक समर घोष में प्रकाशित) बच्चों के लिए आयोजित ढेर सारी प्रतियोगिताए

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17. लघु कथा विश्वास

लघु कथा विश्वास बहुत साल पहले समाचार पत्र सच कहूं में प्रकाशित लघु कथा विश्वास ( कुछ कतरन)

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18. लघु कथा

लघु कथा राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित दो लघु कथाए “मोह भंग” और “फर्ज में फर्क” … ये बात सन 1998 की है ( क़ुछ कतरन)

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19. कहानी

कहानी सिमटते दायरे बहुत साल पहले लिखी कहानी है इसमे चित्रण है साधारण परिवार के मेधावी बच्चे  का . जो कक्षा की परीक्षा में तो हमेशा अव्वल आता है पर जिंदगी की परीक्षा मे बहुत पीछे रह जाता है. कहानी

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20. आईना

आईना आईना कहानी दैनिक भास्कर की मधुरिमा में प्रकाशित हुई. कहानी में मा बेटे और नौकरी पेशा बहू का यथार्थ चित्रण है

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21. घर परिवार

घर परिवार 

 

घर परिवार और समय का महत्व

कल शाम एक जानकार से बात हो रही थी.बातों बातों में मैंने  बताया कि एक टीवी पर बहुत ही अच्छा विज्ञापन आ रहा है जिसमे बेटी अपनी मां को बेटी कह कर पत्र लिखती है और उन्हें ब्लड प्रेशर चैक करने की मशीन भेजती है और लिखती है तुम्हें इसकी जरुररत है तुम्हारी मां … !!पर मेरी इस बात पर वो जानकार उदास हो गईं और बोली कि तुम तो लिखती रहती हो ब्लाग …क्या मेरी बात को लिख दोगी…

मैंने कहा, अरे क्यो नही आप बताईए तो … इस पर वो बोली कि उनकी शादी बहुत अमीर घर मे हुई. हर तरह की सुख सुविधाएं थी. सारा समय किट्टी पार्टी, सोशल वर्क में लगी रही और घर के लिए समय नही दिया. पति वैसे भी ज्यादातर बाहर रहते और उन्होनें दूसरी शादी भी कर ली थी जिसका उन्हें बहुत बाद में पता चला…  बेटा पहली क्लास में हुआ तो मसूरी होस्टल भेज दिया ताकि झंझट ही न रहे… बेटे से मिलने जब भी जाते तो उनके दोस्तों की पूरी फौज जाती ताकि सैर सपाटा और आऊटिंग भी हो जाए…

कभी उसके बालमन को जानने की कोशिश नही की कि उसे भी मेरी, घर की याद आती होगी.. वो भी मेरी गोदी चाह्ता होगा मुझसे लिपट कर रोना चाह्ता होगा. शिकायत करना चाहता होगा … जाने अनजाने बहुत दूर कर लिया मैने उसे अपने आप से … आज वो विदेश में है और शादी कर ली है दो बच्चे भी हैं और खुश है अपनी दुनिया में … आज मैं उसे याद करती हूं मुझे उसकी जरुरत है पर किस मुंह से बुलाऊं … आज बहुत पछतावा है .. काश मैंने उसे समय दिया होता…. काश  उसके बालो पर हाथ फेरा होता….  काश उसे थपकी देकर सुलाया होता तो …आज सब कुछ है मेरे पास पर फिर भी कुछ नही है … बिल्कुल सुनसान है घर … और बेटे की बनाई कुछ तस्वीरे दिखाने लगीं …

भरे हुए गले से वो तस्वीरे दिखाए जा रही थी और मैं अपने आंसुओं को चाह कर भी रोक नही पा रही थी. मैं बस उसका हाथ पकड कर उन्हें सिवाय दिलासा देने के कुछ नही कह पाई और बाहर आकर सोचने लगी कि बहुत जरुरी है अपने परिवार अपने बच्चों को समय देना. ये हमारी सबसे बडी दौलत हैं और इन्हे सहेजना हमारा कर्तव्य… बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बाहर भेजना कोई गलत नही पर जब वो छुटटियों में घर आए या जब हम मिलने जाए तो पूरा स्नेह दर्शाना बहुत जरुरी है… नही तो जैसे मेरी ये जानकार दुखी हैं और पछता रहीं है और रो रही है वैसे हमे भी इसका सामना न करना पडे… बच्चों का अपने पेरेंट्स और पेरेंटस अपने बच्चों की तरफ लगाव और प्यार सदा बना रहे…

 

घर परिवार और समय का महत्व आपको कैसा लगा …!!! अगर आप भी अपना कोई अनुभव सांझा करना चाहें तो आपका स्वागत है !!!home family photo

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22. रिटायरमेंट

रिटायरमेंट

मोहन कुमार जिन्हें कभी लोग भाई साहब या बडे भाई के नाम से ज्यादा जानते थे  बार बार अपना मोबाईल और लैंड लाईन चैक कर रहे थे क्योकि बहुत समय से कोई फोन की घंटी नही बजी थी. उन्हे लग रहा था कि फोन मे शायद कोई गडबडी ना हो पर सब ठीक था इसलिए बार बार चैक कर रहे थे. अभी दस दिन ही हुए है उनकी रिटायरमेंट को. शहर मे बहुत अच्छे सरकारी ओहदे पर थे वो. नौकरी के दौरान उन्हे ना दिन का चैन ना रात की नींद .. हर समय वक्त बेवक्त बस कुछ अंंजाने रिश्तेदारों तो कभी जान पहचान नाते रिश्तेदारो के फोन ही घनघनाते रहते.

बडे भाई … आपकी गुडिया की शादी है जरुर आना है और हां अगर सात आठ गैस सिलेंडर का इंतजाम हो जाता तो..! भाई साहब… हम आज सपरिवार आपसे मिलने आ रहे है हफ्ता भर रुकेंगें. भाई जी … पासपोर्ट बनवाना है जल्दी. मुन्ना विदेश जाने की सोच रहा है .. आप साईन कर देना. भाई साहब… चाची बीमार है सोच रहे हैं कि आपके पास ले आए आप सरकारी अस्पताल मे कह कर अच्छा इलाज करवा दोगें .

बडे भाई साहब … सुना है आपके एरिया मे जमीन बिक रही है जरा सस्ते मे सौदा करवा दो .. !! भाई साहब … आपके भतीजे को जेल हो गई है . जरा जज से बात करके मामला रफा दफा तो करवा दो.

और बडे भाई या भाई साहब बने मोहन कुमार सभी का काम करवा देते. इस सब में घर वाले भी अक्सर नाराज हो जाते  इस बात पर अक्सर घर में तनाव भी हो जाता था  पर ….. !!!

मोहन कुमार इसी ख्यालो मे ही गुमसुम थे कि अचानक टेलिफोन की घंटी बजी. उनके चेहरे पर खुशी दौड गई.गला साफ करते हुए उन्होने फोन उठाया पर शायद वो गलत नम्बर था…

और वो सोच रहे थे कि उनके परिवार की नाराजगी कितनी जायज होती थी…

रिटायरमेंट….

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23. अच्छे दिन

अच्छे दिन ( मोनिका गुप्ता)
अच्छे दिन                    ( मोनिका गुप्ता)

अच्छे दिन

अच्छे दिन लाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडती है .. ऐसा नही की आपने गाना गाया और अच्छे दिन आ गए. समय लगता है बहुत कुछ त्यागना पडता है बहुत कुछ निगलना या गटकना पडता है  बहुतों से ना चाह्ते हुए भी मिलना पडता है और बहुत  चाह्ते हुए भी किसी से मुहं फेरना पडता है..!!! कई बार उपहास का पात्र बनना पडता है तो कई बार शर्मिंदा होना पडता है. अरे आप क्या सोचने लगे !!! हे भगवान !! इसमे कही आप राजनीति तो नही ले आए !! कमाल हैं आप भी !! अरे भई !! वो क्या है ना वजन बढ रहा है उसे धटाने के लिए मेहनत ज्यादा करनी पड रही है तभी तो आएगें अच्छे दिन !!! आलू ,पूरी .टिक्की जैसी मुंह मे पानी लाने वाली चीजे त्यागनी पडती हैं उबला खाना या सब्जी निगलनी या गटकनी पडती है ना चाहते हुए भी   खाना पडता है और बहुत चाह्ते हुए भी उस खाने से देखने से इंकार करना पडता है. कई लोग उपहास करते हैं कि वजन कम हो ही नही सकता तो कई बार लोगो के सामने जब वजन टस से मस नही होता तो शर्मिंदा भी होना पडता है!!

 यहां हालत खस्ता हो रही है और आप है कि राजनीति ले कर आ रहे हैं अरे भई कम खाएगें … हल्का खाएगे, कसरत करेगें तो आएगें ना जल्दी से अच्छे दिन … बस वो ही तो कह रही हूं !!!  अच्छे दिन आने वाले है:)

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24. कितने दूर कितने पास

कितने दूर कितने पास

किससे  दूर किसके पास …

मैं नेट पर काम कर रही थी कि अचानक गेट पर धंटी बजी. ओफ !! कौन होगा !! असल में, वो क्या है ना कि कई बार कुछ शरारती बच्चे ऐसे ही घंटी बजा कर भाग जाते हैं तो सोचा शायद वही हों पर एक ही मिनट में दुबारा घंटी बजने पर मैं समझ गई कि बाहर जरुर कोई है.बाहर गई तो एक महिला खडी थी. मेरे पूछ्ने पर उस महिला ने इशारा करके बताया कि वो हमारे घर के पीछे ही रहते हैं उनका नया घर बन रहा है इसलिए वो POP देखने आई है क्योकि आपका घर नया बना है ना … मैने उसे कभी नही देखा था इसलिए मैं उसे भीतर लाने में इच्छुक नही थी इसलिए गेट पर ही खडे खडे बोला कि हमने  बिल्कुल साधारण सा पीओपी करवाया है पर जब उसने हमारे अडोस पडोस में रहने वालो के बारे में बताया कि वो उन्हें जानती है तो ना चाह्ते हुए भी मैं एक घर के साथ भीतर ले आई. उसने दो चार मिनट लगाए एक दो कमरे  देखे और कुछ ही पल में हम बाहर आ गए.

मुझे महसूस तो हुआ पर मैने उससे चाय पानी का भी नही पूछा. असल में, आज के माहौल को देखते हुए एक डर सा रहता है कि पता नही कौन है कितनी सही है वगैरहा वगैरहा… !! जाते जाते मैनें उसे जता भी दिया कि क्षमा करें मैने आपको पहले कभी देखा भी नही और आज का समय ठीक नही है इसलिए.. इस पर वो बोली कि वो समझती है और थैक्स कह कर चली गई.

कुछ देर नेट पर काम करने का मन ही नही किया. सोच रही थी कि हम कितना बदल गए हैं कभी हम भारतीयों की पहचान यही होती थी कि घर आए मेहमान का स्वागत करते थे बेशक गांव में ये परम्परा आज भी है पर छोटे शहरों में किसी अनजाने भय से गुमनाम सी होती जा रही है और मैंट्रो में तो यह खत्म ही हो गई है. तभी देखा कि फेसबुक पर दो तीन मैसेज आए हुए हैं जिन्हें मैं जानती तक नही. मैं सोच रही थी कि फेसबुक या अन्य सोशल नेट वर्किंग साईटस पर हम कितना जानते हैं लोगो को पर उन अनजाने लोगो को जवाब देने  में जरा भी देर नही लगाते … चाहे मित्रता स्वीकार करनी हो या मैसज करना हो पर जो हमारे घर के नजदीक रहते हैं उन्हें हम जानते तक नही….

 

कितने दूर कितने पास

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25. रेडियो रुम

रेडियो रुम

http://radioplaybackindia.blogspot.in/2015/08/musibat-mol-li-maine.html

रेडियों रुम में आपका स्वागत है

अभी तक आप मेरी लिखी दो  कहानियां  मेरी ही आवाज में सुन चुके हैं इस बार सुनिए मेरा लिखा व्यंग्य मेरी ही आवाज में …. मुसीबत मोल ली मैनें …

satire by monica gupta

व्यंग्य का शीर्षक है

मुसीबत मोल ली मैनें..

असल में, पिछ्ले महीने जब मैने अपनी एक सहेली को फर्राटे से कार चलाते देखा तो निश्चय कर लिया कि कुछ भी हो जाए मैं भी ड्राईविंग सीखूंगी. घर पर निर्णय सुनाया तो पहले तो सबने मना किया कि क्या करोगी पर मेरी जिद्द के आगे सभी झुक गए और थम्स अप करके सहमति दे दी. अब सबसे पहले मैंने ब्यूटी पार्लर जाकर स्टाईलिश बाल कटवाए. गोगल्स खरीदे. बस अब ड्राईविंग सीखनी बाकि थी. 15 दिन में मैने इधर उधर कार ठोक ठाक कर कार सीख ही ली. फेसबुक पर जब ये खुश खबरी  दी. तो 100 कमेंटस और 200 लाईक भी आ गए. मैं सांतवे सामान पर थी. पर अब शुरु होती है मेरी दास्ताने मुसीबत.पहले राशन वाला घर पर सामान भिजवा देता था अब कहता है कि छोटू नही है आप खुद ही ले जाओ कार में. बाजार से आधा किलो आलू लाना हो या मोची से चप्पल ही ठुकवानी है तो सब मुझे ही कहते कि कार है ना. ले जाओ. रिश्तेदार जो सालों से घर नही आए थे उन्होने इसलिए आना शुरु कर दिया कि बहू ने कार सीख ली है अब उन्हें स्टेशन से लेकर आना , शापिंग कराना, धुमाना और फिर घर पर लजीज खाना भी बना कर खिलाना. नही तो वो नाराज हो जाएगें कि बहू ने सेवा भी नही की. हाउस वाईफ होने के नाते पहले मेरी भूमिका बस घर सम्भालने तक की थी अब दोहरी तिहरी या चौगुनी हो गई है.घर पर सब खुश है पर मैं सिर पकड कर बैठी हूं .सहमति से किया गया थम्स अप किया था मुझे अब ठेगा लग रहा है मानो चिडा रहा हो कि जाओ और सीखो कार चलाना.. मना किया था ना… हाय राम पर अब क्या करु … मुसीबत मोल ली है मैने अपने पावं पर खुद ही कुल्हाडी मारी है…ओह, आपसे बातों के चककर में तो मैं अलार्म लगाना ही भूल गई सुबह चार बजे की ट्रेन से रिश्तेदारों को लेने जाना है फिर पकवानों की तैयारी करनी है काम वाली बाई भी दो दिन छुट्टी पर है. आज स्कूल बस भी नही आएगी बच्चो को भी ड्राप करना है ….हे भगवान !!

मुसीबत मोल ली मैने    कैसा लगा जरुर बताईएगा !!!

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