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हे भगवान ये तकिया कलाम कुछ देर पहले एक जाने माने न्यूज चैनल पर खबर आ रही थी. एंकर अपने संवाददाता से बात कर रहे थे और संवाददाता जवाब दिए जा रहे थे पर बात बात पर “जो है”, “जो है” भी बोले जा रहा था क्योकि बातचीत लम्बी थी तो प्रश्न पूछ्ते पूछ्ते एंकर […]
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हे भगवान
A Prayer
त्योहार आते नही कि मंदिरों में भीड बढ जाती है. सुबह शाम जब भी जिसे समय मिलता है पहुंच जाता है. कई बार लम्बी लाईन होती है. अक्सर जब कई घंटो की तपस्या यानि लाईन में लगने के बाद हम अपने लक्ष्य पर पहुंच कर ह्म ईश्वर की प्रतिमा को निहार ही रहते होते हैं कि पंडित जी चलो चलो, आगे चलो, रुको नही , बोल कर हमे आखे खिसका देते हैं . कुछ मंदिरों में चढावे के हिसाब से दर्शन करवाए जाते हैं. पंडित जी न जाने कैसे हमारे हाथ मे राशि देख लेते हैं अगर दस रुपए है तो चलो चलो आगे. 50 रुपए है तो हमें थोडा आदर मान मिल जाता है और अगर 100 रुपए या उससे ज्यादा हो तो वी आईपी ट्रीटमैंट. आपके लिए पंडित जी श्लोक भी बोलेगें और दो मिनट लगा कर पूजा भी होगी ये मेरा पर्सनल अनुभव है.
एक बार तो मंदिर में गलती से आरती के समय पंहुच गए. क्षमा करें, मैने “गलती” शब्द इस्तेमाल किया . असल में, अनुभव ही कुछ ऐसा रहा इसलिए यही शब्द उचित लगा. भयंकर भीड थी. आरती के बाद फेरी शुरु हो गई. बस मुझे नही पता कि फेरी कैसे ली . मैं चल नही रही थी भीड द्वारा चलाई जा रही थी. इतनी धक्का मुक्की की बस … हालत खस्ता हो गई लगा कि अब प्राण गए मेरे .. अब मरी …. पर बच गई और जान में जान आई. तब से तौबा कर ली कि ऐसे समय में मंदिर नही जाना.
मेरी एक सहेली की मम्मी रोज सुबह मंदिर जाती हैं और दो धंटे लगाती हैं. जाने से पहले घर पर तनाव रहता है और आते ही ये नही हुआ वो नही ये क्या है … !!!यानि कोई शांति नही … वही मेरी सहेली मणि मंदिर जाने की बजाय घर का काम करते करते हमारे ही ईश्वर का नमन या Prayer हे भगवान बोलती रहती है और यकीन मानिए मुझे वो ज्यादा सही लगता है. दिखावा किसलिए करना !! दिल से याद करना चाहिए वैसे दिल से याद करने पर मुझे एक बात याद आई आप कहें तो सुनाऊ… चलिए सुना ही देती हूं…
वो क्या है ना कि देवी देवता भी जानते है कि अधिकांश लोग दिल से पूजा करने की बजाय दिखावे पर ज्यादा जोर देते है. एक बार देवी, देवता बहुत दुखी होकर बाते कर रहे थे कि हम अगर पहाडो पर बस जाते है तो लोग वहांं पहुच जाते हैं और अगर समुद्र मे अपना बसेरा कर ले तो भक्त वहाँ भी नही छोडते. तो हम जाए तो जाए कहाँ ???इस पर पता है नारद जी ने कहा, नारायण.. नारायण … ये तो बहुत ही आसान है. आप लोगो के दिलो मे बस जाओ.बस वही एक जगह है जहां आपको वो नही खोजते.
इसलिए सच्चे दिल से अराधना कीजिए. ईश्वर आपके दिल मे ही विराजमान हैं. आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी
हे भगवान … आपको कैसा लगा ??? जरुर बताईगा !!
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