Story Time
W की मिठा E
(अंग्रेजी वर्णमाला से बनी कहानी का आनन्द लो)
W बहुत ही छोटा पर शरारती बच्चा था। मम्मी k कहने पर उस k डैD ने उसे A टू Z Vधालय में भर्ती करवा दिया। उनका Vधालय jल K पास होने कारण वहाँ अक्सर c पाही घूमते रहते थे। बच्चों को उन्हें देखना अच्छा लगता था। सड़क K दूसरी Oर Bकानेरी नमकीन और Kक की दुकानें थी। बच्चों की पाठशाला में उन्हें पढ़ार्इ के साथ-साथ अच्छी-अच्छी बातें भी C खाते थे।
Aक बार उनकी कक्षा में नोटिस आया कि जो बच्चा सबसे अच्छी Cख अथवा Vचार देगा उसे प्राध्यापिका E नाम में मिठाE देंगी W तो नया-नया ही Vधालय गया था, पर मिठाE का नाम सुनते ही उसके मुँह में पानी आ गया।
उनकी नैंC Tचर कक्षा में आर्इ और एक-एक बच्चें को अपने पास बुलाकर उनK Vचार और Cख सुनने लगी।
सबसे पहले Aकता ने बताया कि kला खाकर छिलका कूड़ेदान में ही फैंकना चाहिए। Tटू बोला दूध Pकर ताकतवर बनना चाहिए।
मUर बोला जब दो लोग बातें कर रहें हों तो Bच में नहीं बोलना चाहिए। कPश ने बताया कि सभी से Sसी वैसी बातें ना करके Cधे मुँह बात करनी चाहिए। कभी भी Pठ Pच्छे नहीं बोलना चाहिए। Bना ने कहा के Eश्वर में Vश्वास रखना चाहिए। उनकी पूजा करके Rती उतारनी चाहिए।
Dम्पी चुप बैठा था। Tचर के पूछने पर उसने बताया कि वो Bमार है। अब बारी आर्इ की। खाने के शौकीन ने बताया कि ज्यादा Kक और Iस्क्रीम नही खानी चाहिए Qकि कर्इ बार चटपT चीजों से भी पेट दर्द हो जाता है, इसीलिए हल्का खाना ही खाना चाहिए। यह सुनकर सभी बच्चे हँस पड़े।
Gतेन्द्र आज कक्षा में नही आया था क्योंकि वो Cकर (राजस्थान) गया था।
सिY Oमी, Uवी, Eना और Eशा के इलावा सभी ने अपने Aचार Vर को बताए। उधर Tना चुपचाप बैठी रही Qकि वो घर से लड़कर I थी।
T चर सभी बच्चों के Vचार लेकर प्राध्यापिका के पास गर्इ।
उन्हें सभी बच्चों के Vचार इतने पसन्द आए कि खुश होकर उन्होने सभी बच्चों को मिठाE Eनाम में दी। बच्चों ने Aक साथ मिलकर मिठाE खार्इ और इतने में छुटटी की घंT भी बज गर्इ।
Publised in 98 in Rajisthan Patrika Jaipur 
कहानी कैसी लगी … जरुर बताईएगा 
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गंदगी प्रेमी
मेरी एक सहेली हिल स्टेशन पर रहती है. कल ही उससे बात हो रही थी कि कैसा मौसम है. कैसी भीड है वहां तो वो मायूस सी बोली कि अब तो जल्दी से लोगों की छुट्टियां खत्म हो बस..जाए सब जल्दी से . अरे !!! ऐसा क्यो?? मेरे पूछने पर उसने बताया कि लोग धूमने आते हैं बहुत अच्छा लगता है पर गंदगी भी बहुत फैला जाते हैं खासकर सडक पर घूमते घूमते… कुछ खाएगें तो पीएगें तो… पूरी सडक मानो डस्ट बीन समझते हैं… वो ये सोचते ही नही हैं कि यहां भी लोग रहते हैं ना जाने कब समझ आएगी अब तो सच पूछो तो छुट्टियों के नाम से टेंशन ही हो जाती है.उसकी बात ने बहुत सोचने पर मजबूर कर दिया.
पता नही हम लोग सफाई का स्वच्छता का ख्याल रखते क्यों नही है. घर से बाहर निकलो तो गंदगी पार्क में जाओ तो गंदगी. घर का कूडा बस अपने घर से बाहर निकालना आता है कि बस अपना घर साफ रहे बाकि किसी की चिंता नही.
ऐसे ही बाजारों में दुकानों पर होता है. सुबह सवेरे सभी झाडू लगा कर अपनी अपनी दुकान के आगे का कूडा साईड पर रख देगें और ऐसा हर दुकान दार करता है कुछ एक कूडे को आग भी लग अदेते हैं पर शाम तक वो कूडा वही पडे पडे लोगों के पावों से लगता वापिस दुकानों के सामने आ जाता है और फिर वही गंदगी … खाने पीने की स्टालस के आगे तो और भी बुरा हाल होता हैडस्ट बीन होते हुए भी उसे इस्तेमाल नही किया जाता.
वैसे आप तो ऐसे गंदगी प्रेमी बिल्कुल नही होंगें.. है ना … और अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है.
cleaning Ganga campaign should not be limited to Photography
उत्तराखंड बाढ़ और भूस्खलन त्रासदी के दो साल पूरा होने पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्पादन व उपभोग के लिए हुए विकास का प्रकृति बदला ले रही है। उन्होंने कहा, ‘हर जगह बांधों व बिजलीघरों का निर्माण हो रहा है जो प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रही है। हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है।’
प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे गंगा सफाई अभियान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए है। प्रकृति को दरकिनार करने पर न तो हम अपना जीवन बचा सकेंगे और न ही धर्म की रक्षा कर पाएंगे। See more…
गंदगी प्रेमी
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Charlie Chaplin Lines
हर दिल अजीज चार्ली चेप्लिन के जन्म के 125 वे वर्ष पर उनके फ़िल्मी जीवन में व्यंग्य की कथा के साथ-साथ उनकी स्क्रीन पर उपस्थिति का 100 वां वर्ष मनाने के लिए ये साल यानि 2015 चार्ली चैपलिन वर्ष के रूप में मना रहा है. हास्य रेखाओं के रचनाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कार्टून और हास्य चित्र बनाए हैं।इनमें से लगभग 200 कार्टून एक विशेष पुस्तक में शामिल किए गए हैं.चार्ली चैपलिन लाइन्स’ के रूप में सबसे पहले भारत में चार्ली चैपलिन वर्ष समारोह 25-27 जून , NCPA मुंबई में कार्टून/करिकेचर प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है।
खुशी की बात ये भी हैं कि इसमे मेरे बनाए चार्ली चैपलिन भी शामिल हैं …. Charlie Chaplin Lines 
vintage everyday: Rarely Seen Candid Photos of Charlie Chaplin While Filming on Venice Beach, California, ca. 1914
These rarely seen photographs may be from on-site at the shooting of 1914 silent film Kid Auto Races at Venice (also known as The Pest) on Venice Beach, California.
This is an Essanay Studios film starring Charlie Chaplin in which his “Little Tramp” character makes his first appearance in a film exhibited before the public. See more…
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Selfie Selfie ..मोदी सरकार का एक साल पूरा हो गया है. वही आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के 100 दिनों से मोदी सरकार के 365 दिनों की तुलना की जा रही है. ऐसे में चिंता होनी ही स्वाभाविक है क्योकि कुछ जनता मोदी सरकार से नाखुश है और कुछ केजरीवाल से नाखुश … ऐसे में Selfie से पूछा जा रहा है कि हे Selfie तू बता कि मुझ से बेहतर है कोई …
Narendra Modis selfie with Li Keqiang
Indian prime minister Narendra Modi just tweeted another selfie—not so surprising given his love for the photo format. But who it was with, and where it was taken, are somewhat shocking. See more…
Narendra Modi takes his selfies …
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बेशक, आप कुछ भी कहे पर Selfie Selfie का जादू सभी के सिर चढ कर बोल रहा है … चलिए अब मैं भी चली सैल्फी लेने … ह ह हा पर इतना यकीन है कि अगर 20 सैलफी लूगी तो मुश्किल से एक अच्छी आएगी 
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कई बार हम किसी को उत्साहित तो करते नही उल्टे कुछ ऐसा बोल देते है कि वो बेचारे निरुत्सहित ही होकर बैठ जाते हैं.एक मेरी सहेली ने कार सीखने की इच्छा जताई तो पति और बच्चो ने साफ साफ बोल दिया कि हम तो उस समय कार मे बैठेगे नही जब आप चला रही होंगी … अभी मरने का शौक नही है. वो बेचारी अपना सा मुहं लेकर बैठ गई.
वही एक बच्चे के बोर्ड मे 90% अंक आए तो पिता बोले अब ट्यूशन पर इतना खर्चा किया, इतना आराम दिया तो इतने नम्बर तो आने ही थे वैसे भी इतने नम्बर तो किसी के बिना पढे भी आ जाए. कौन सा तीर मार लिया.
वही एक देवेन हैं 7 क्लास मे पढता है. उसकी आदत है कि सुबह नाश्ते से पहले ब्रुश जरुर करता है चाहे छुट्टी हो या ना हो. घर वाले उसे चिढाते रहते हैं पता नही कहां से पंडित पैदा हो गया हमारे घर.वो बेचारा कुछ नही कहता
रंजीता को अंग्रेजी पढने का बहुत शौक है वो जब भी बाहर जाती है तो कपडे या अन्य समान खरीदने की बजाय अंग्रेजी की किताब खरीदती है. इस पर उसी के परिवार वाले बहुत मजाक बनाते हैं कि बडी आई अंग्रेजी पढने वाली … ऐसे गिट पिट बोलती है जैसे विदेश जाएगी … स्वाभाविक है कि उसका मनोबल टूट गया .वैसे आप तो ऐसे नही है ना !!!अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है ….
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