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समय का महत्व पल पल बेहद कीमती है पर क्या हम इसकी महत्ता समझते हैं …. आज एक जानकार के घर जाना हुआ. मुझे 6 बजे कही और जाना था वहां लगी दीवार घडी पर समय देखा. उसमे 6 बज रहे थे. अरे बाप रे !! मेरी घडी में तो अभी 6 बजने में […]
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Fake Email आज एक पत्रिका मे लेख पढते पढते ध्यान लेखक के ईमेल पर चला गया. बहुत खुशी हुई कि Email लिखा हुआ है.चलो, मैं अपने विचार उन तक पहुचां पाऊगी. मैने बहुत लम्बा सा ईमेल लिखा और उसे भेज दिया . कुछ ही क्षणो मे वो वापिस आ गया. पता चला कि वो […]
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कहानी दैनिक जागरण में कहानी – मूक अभिव्यक्ति ये कहानी दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई.
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ब्लॉग लेखन एक समय था जब बाजार में ढेर सारी पत्र पत्रिकाओं का बोलबाला था. हर महीने हमें नए अंक का इंतजार रहता और अगर उन जानी मानी पत्रिकाओं में हमारा लेख भी प्रकाशित होता तो फिर तो क्या कहना होता … आज समय बदल चुका है. बेशक, पत्रिकाएं बाजार में बहुत […]
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बच्चे और डर आज बहुत साल बाद एक जानकार से मिलना हुआ. जब हम पहले मिले थे तब तो उनका बेटा सिर्फ 4 साल का था. वो बहुत शरारती था. वो जब भी जिस बात के लिए जिद करता या रोता उसे “”हाऊ आ जाएगा” कह कर डराया जाता वो डर जाता और चुपचाप कहना […]
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बीबी पाक कला प्रवीण आज के समय मे डाईट का बहुत ख्याल रखा जाता है .पर बात बहुत ज्यादा पुरानी भी नही है जब शादी या विवाह के लिए लडकी खोजी जाती तब सबसे पहला ये देखा जाता कि होने वाली बहू को खाना बनाना आता है या नही. पाक कला मे प्रवीण है या […]
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विवादित बयान और नेता जी
आश्चर्यजनक किंतु सत्य… इस बात मे कोई दो राय नही कि रिश्वत खाने वाले व्यक्ति को हम जरा भी पसंद नही करते और धोटाले अगर और भी संगीन हो तो नफरत या आक्रोश और बढ जाता है पर पता नही लालू जी के संदर्भ में ये बात कहना सही नही..
यह जानते हुए कि लालू जी बेहद भ्रष्ट रहे, जेल भी गए और ढेरों बच्चो की वजह से सुर्खियों में भी रहे पर लालू जी कभी नेता लगे ही नही. उनका बात करने का अंदाज , बात बात पर घुडकी देना, बहुत ही भाता है. मेरे विचार से शेखर सुमन ने जिस अंदाज में उन्हें प्रस्तुत किया था वही एंटेनटेनर की छाप दिमाग मे तरोताजा है. बेशक, चुनाव नही लड रहे हैं लालू जी,पर रैली में अगर लालू जी हैं तो देखना और उन्हें सुनना जरुरी हो जाता है.
बेशक, हाल ही में चुनाव के चलते चुनाव आयोग ने लालू प्रसाद को उनकी कथित जातिगत टिप्पणी को लेकर आगाह किया और इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनसे भविष्य में चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक मंचों पर बोलते समय ‘अधिक सतर्क’ रहने को कहा। वही उनका पिशाच बोलना और ये कहना कि पीली सरसों और मिर्च का धुंआ करके उनको भगा देंगें… या पैट्रोल पीए या दाल …!!! सभी सुर्खियों में रहा..
हाल ही मे एक मंच पर जब माईक की आवाज सही नही आ रही थी तो उन्होने साऊंड सिस्टम वाले को खूब लताडा जिसे दर्शकों ने बहुत एंजाय किया. वही जब उनके ऊपर फैन गिरा यानि पंखा तो अचानक लगा ओह !! ये क्या हुआ !! पर बचाव हो गया और लालू जी माता रानी की कृपा बताते हुए अपना भाषण दिया.. है ना आश्चर्यजनक किंतु सत्य !!
विवादित बयान और नेता जी
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cartoon dog by monica gupta
पालतू जानवर कुत्ता
जैसे ही कुत्ते ने देखा कि उनका मित्र कुत्ता वोट का बैनर और हड्डी ले कर आया है उसका गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुंच गया और उसे गुस्से मे बोल डाला चल हट आदमी कही का … इस पर बेचारे कुते ने डरे सहमे कहा कि भगवान के लिए मुझे ये वाली उपाधि न दो !!! मैं तो कुत्ता ही ठीक हूं कम से कम मेरी ईमानदारी वफादारी एक मिसाल तो है पर ये आदम जात तो अपने स्तर से बिल्कुल गिर चुका है !!
पालतू जानवर कुत्ता
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मन की उलझन
कुछ देर पहले मार्किट में एक जानकार मिली. वो अपनी बिटिया के साथ शापिंग करने आई हुई थी. उसकी शादी को साल भर ही हुआ होगा. वो बिटिया मेरे पास आई और बोली कि आपसे बात करनी है. मेरे कहने पर कि बताओ इस पर वो बोली कि अकेले मे … शाम को घर आएगी पर मम्मी को बिना बताए. टेंशन तो मुझे भी हुई कि कोई न कोई गम्भीर बात है. जरुर दहेज आदि का ही मामला होगा पर मम्मी के सामने नही बोला यानि कुछ और ही बात है.
ठीक चार बजे वो घर आई. उसने कहा कि आप मम्मी को समझाईए वो बहुत फोन करती हैं मुझे. एक दिन मे कम से कम पाचं सात बार… क्या कर रही हो ? आज क्या खाया? कौन सी साडी पहनी? दहेज खूब दिया है ठाठ से रह.. किसी की मत सुनियो और घर का काम करने की जरुरत नही. रानी की तरह रह… वो बोलती ही जा रही थी कि वो अपने नए परिवार के साथ मिलजुल कर रहना चाह्ती है पर मम्मी की बात सुन कर उनकी बातों में आने का डर लगा रहता है. अब आप ही मम्मी को समझाईए कि दखल न दें उसे अपने हिसाब से घर चलाने दें…
मैं उसकी बात से सहमत हूं. कई बार माओं के ज्यादा प्यार के चक्कर में बसा बसाया घर बिखर भी जाता है पर मुझे खुशी इस बात की है कि बिटिया समझदार है. वो सही गलत जानती है. बिटिया तो चली गई और सोच रही हूं कि उसकी मम्मी को समझाना भी एक अभियान है या तो उसकी मम्मी से सीधी बात करुं या कि सीधी बात न करके किसी दूसरे का उदाहरण देकर उसे समझाऊं या फिर उसकी बिटिया ही मां को समझाए हो सकता है उसने समझाया होगा पर बात नही बनी होगी… वैसे क्या आप आईडिया दे सकते है ???
मन की उलझन
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Listen Please
आज “मन की बात” में सडक दुर्घटना का मुद्दा भी था. मोदी जी ने बताया कि कि किस तरह से एक व्यक्ति सडक पर घायल पडा रहा पर कोई मदद के लिए नही आया. इसके लिए रोड सेफ्टी बिल लाएंगे और पहले 50 घंटे में घायलों के कैशलेस ट्रीटमेंट की कोशिश करेंगे’.. बेशक, जो सही लगे वो कदम जरुर उठाए जाने चाहिए पर एक जरुरी कदम ये भी होना चाहिए अगर कोई सडक पर किसी घायल को देखे और वो उसे अस्तपाल ले कर जाए तो ज्यादा पूछ्ताछ न हो … क्योकि हम लोग मदद करने में पीछे नही हटते पर पीछे हटते हैं तो वो सिर्फ एक ही वजह से.. वो है पुलिस पूछ्ताछ करेगी सौ सवाल करेगी. समय वेस्ट होगा कौन इस पचडे मे पडे.
Media मे जब इस दुर्घटना की खबर दिखा रहे थे तो यही बोल रहे थे लोग सवेंदनहीन हो गए है… निर्भया के मामले मे भी यही बोला गया कि वो सडक पर पडी रही और कोई आगे नही आया मदद के लिए
सोचने वाली बात ये है कि कोई आगे क्यों नही आया.? क्या वाकई लोग संवेदनहीन हो गए हैं? शायद नही हमारे देश के लोगों मे अभी मानवता मरी नही है पर हमारे देश के कानून ने हमे मार रखा है…
मुझे याद है हमारे सिरसा में कुछ साल पहले एसपी ने यह घोषणा की थी कि जो व्यक्ति सडक पर पडे घायल को अस्पताल लेकर जाएगा उससे ज्यादा पूछ्ताछ नही होगी और उसे ईनाम मिलेगा और इस वजह से घायल को तुरंत मदद मिलने लगी और तनाव खत्म ही हो गया था ( हैरानी की बात ये भी हुई कि तब मेरी कोशिशों के बाद भी इस सकारात्मक खबर को न्यूज चैनल ने नही लिया स्टोरी को होल्ड पर रख दिया ). खैर फिर एसपी का तबादला हो गया और नियम फिर बदल गए. सबसे पहले जिला स्तर पर अगर प्रशासन सकारात्मक कदम उठाए तो बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया जा सकता है.
आज प्रधान मंत्री जी की मन की बात सुन कर बीती बात याद आ गई. अगर छोटे छोटे स्तर पर प्रशासन और पुलिस सचेत हो जाए तो बहुत बदलाव लाया जा सकता है…
http://www.khabarmantra.com/news/own-thing-in-the-pm-narendra-modi-said-government-will-bring-the-bill-on-road-safety-26072015.html
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मौन की बात…. ये बात तब सामने आई जब सत्र से पहले मोदी जी ने पत्रकारों के किसी भी प्रश्न का जवाब नही दिया … वही बात आई कि मोदी जी मन की बात में अपने विचार रखेंगें … वही कल की बात को ध्यान में रखते हुए एक बात और जहन में आई कि मोदी जी कल स्क्रीन पर थे पर कुछ नही बोले वही केजरीवाल कल स्क्रीन पर नही थे पर उनकी आवाज स्क्रीन पर थी. कोई दिखता है पर बोलता नही कोई बोलता है पर दिखता नही… हे भगवान !!!
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Nature
Nature
मन की बात
एक तरफ
तपता सूरज
जलती धरा
मन बेचारा
अकेला पड़ा………बेसहारा
दूसरी ओर
नन्हा पौधा
गर्मी की मार
सह ना सका
और
पनपते ही कुम्हला गया
काश
मिल जाता
किसी का सहारा
या फिर शीतल धरा
और पनप जाता
पर……
वो चुपचाप…….खामोश सा
पड़ा रहा
मन भी ऐसा ही है
खामोश, चुपचाप
एकदम अलग-अलग
काश……..
मन कुछ कर सकता
झुलसते पौधे को देखकर
सहला सकता
तभी अचानक
रूक गए मेरे पानी पीते हाथ
उड़ेल दिया पानी
उस नन्हें पर
तब तक
सूरज की लौ
पड़ चुकी थी मद्धम
ठण्ड़े झोंको से
आने लगी उसमे जान
इधर………..
मुस्कुरा उठा मेरा मन
उधर….
जलती धरा भी
शांत हो गर्इ
अब……..
नन्हें को मिल गया था एक सहारा
शीतल धरा का
एक तरफ……….
प्रकृति खिलखिलार्इ
दूसरी तरफ……….
मन मुस्कुराया
Nature
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