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पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे ये हमे ही सोचना है सिग्रेट पीते हुए हम वाकई ग्रेट लगते हैं या ये सी ग़्रेड चीज है … ये हमारी सोच पर है और यकीनन अगर हम अपने बच्चो से अपने परिवार से प्यार करते हैं तो हमें समझादारी से काम लेना होगा है ना […]
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पान मसाला
ह हा हा !!! क्षमा कीजिएगा पर क्या करुं अपनी हंसी जिसमें दर्द भी है रोक नही पा रही. हुआ क्या कि कल दिल्ली से लौटते हुए FM पर विज्ञापन चल रहे थे और सबसे ज्यादा विज्ञापन पान मसाले के थे और बार बार आ रहे थे. अलग अलग तरह के पान मसाले और जाने माने लोग कभी 25 साल पूरा करने पर बधाई दे रहे थे तो कोई कहता है कि इसके बिना जीवन अधूरा है. हैं दाने दाने में दम है वगैरहा वगैरहा.
दस से तीस सैंकिंड के विज्ञापन में मात्र 2 सैंकिंड ( वो भी फास्ट फारवर्ड करके ) ये बताया गया कि पान मसाला स्वास्थय के लिए हानिकारक है. मात्र खाना पूर्ति कर ली कि भई बोलना जरुरी है इसलिए बोलती को भागना पडेगा. हंसी सोच पर आई और दुख इस बात का भी हुआ कि FM जैसे सशक्त माध्यम के द्वारा भी श्रोताओं में इसके प्रति क्रेज पैदा किया जा रहा है. सब पैसे की माया है पैसे के लिए कुछ भी करेंगें मीडिया वाले. वैसे बात एफएम की नही टीवी पर भी विज्ञापनों की हैं और कितनी खबरें तो प्रायोजित ही पान मसाले द्वारा होती है.फिल्म में तो जहां किसी ने सिग्रेट या शराब पी वही चंद सैंकिड के लिए लिखा आ जाएगा कि स्वास्थय के लिए हानिकारक है विमल पान मसाला हो या रजनी गंधा पान मसाला या पान पराग या अन्य कोई भी हो …
~ Hariom Care
पान मसाला से निजाद पाने का सरल उपाय धूम्रपान से भी खतरनाक है पान मसाला या गुटखा। सुपारियों में प्रति सुपारी 10 से 12 घुन (एक प्रकार के कीड़े) लग जाते हैं, तभी वे पान मसालों या गुटखा बनाने में हेतु काम में ली जाती हैं। इन घुनयुक्त सुपारियों को पीसने से घुन भी इनमें पिस जाते हैं। छिपकलियाँ सुखाकर व पीसकर उनका पाउडर व सुअर के मांस का पाउडर भी उसमें मिलाया जाता है। धातु क्षीण करने वाली सुपारी से युक्त इस कैंसरकारक मिश्रण का नाम रख दिया – ‘पान मसाला’ या ‘गुटखा’। एक बार आदत पड़ जाने पर यह छूटता नहीं। घुन का पाउडर ज्ञानतंतुओं में एक प्रकार की उत्तेजना पैदा करता है। पान मसाला या गुटखा खाने से व्यक्ति न चाहते हुए भी बीमारियों का शिकार हो जाता है और तबाही के कगार पर पहुँच जाता है। पान मसाले खाने वाले लोग धातु-दौर्बल्य के शिकार हो जाते हैं, जिससे उन्हें बल तेजहीन संतानें होतीं हैं। वे लोग अपने स्वास्थ्य तथा आनेवाली संतान की कितनी हानि करते हैं यह उन बेचारों को पता ही नहीं है। > पान मसाला या गुटखा खाने की आदत को छोड़ने के लिए 100 ग्राम सौंफ, 10 ग्राम अजवाइन और थोड़ा सेंधा नमक लेकर उसमें दो नींबुओं का रस निचोड़ के तवे पर सेंक लें।यह मिश्रण जेब में रखें। जब भी उस घातक पान मसाले की याद सताये, जेब से थोड़ा सा मिश्रण निकालकर मुँह में डालें। इससे सुअर का माँस, छिपकलियों का पाउडर व सुपारियों के साथ पिसे घुन मिश्रित पान मसाला मुँह में डालकर अपना सत्यानाश करने की आदत से आप बच सकते हैं। इससे आपका पाचनतंत्र भी ठीक रहेगा और रक्त की शुद्धि भी होगी। Read more…
http://www.bhaskar.com/news/MP-OTH-cancer-from-pan-masala-3690244.html
सामान्य गुटखा पाउच गाल में तो प्रभाव डालता ही है, साथ ही श्वास नली में सिकुड़न पैदा करता है। इसके लगातार खाने से गला चिपकने लगता है। रसायन अपना प्रभाव छोड़ते हैं और अनेक बार इन लक्षणों के बाद कैंसर तक सामने आता है।
मुझे लगता है पान मसाला या अन्य हानिकारक हो न हो पर ऐसे विज्ञापन जरुर हानिकारक हैं तभी हंसी में उभरा दर्द.. कैसे सुधरेंगें हम !!
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