मैंगो फैस्टिवल यानि आम का त्योहार.
कुछ दिन पहले अखबार मे पढा कि मैंगो फेस्टिवल चल रहा है. पढते-पढते अचानक हंसी आ गई. बुरा ना मानिएगा पर सच मे, आजकल , आम आदमी का ही त्योहार चल रहा है और उस त्योहार का नाम है ‘महंगाई’. कोई हाल है क्या. अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और ज्यादा गरीब पर असली बैंड बज रहा है आम आदमी का. जिसकी हालत किसी भी तरह आम की विभिन्न किस्मो से अछूती नही है.
पैरी, मलिका और सुंदरी बनने के दिन तो अब हवा हुए … महंगाई ने तो जनाब उसका अचार,चटनी और मुरब्बा बना कर रखा हुआ है. किसी मिक्सी मे गोल गोल घूमते शेक की तरह उसकी हालत हो गई है जिसे हर नेता या पैसे वाला बहुत तबियत से स्वाद ले लेकर निचोड रहा है. बेचारे का रंग सफेदा की तरह् सफेद पड गया है मानो किसी ने सारा का सारा खून निचोड लिया हो. और अब तो ये हालत हो गई है कि वो सीधा चलना ही भूल गया है और लंगडा आम की तरह लगड़ा कर चल रहा है. अम्बी जैसी खटास जीवन मे भर गई है और शरीर पीला इस कदर हो गया है मानो जन्म से ही पीलिया का मरीज हो …
उफ ये आम आदमी !! ना जाने कितने सब्जबाग तोता परी सपने देखे होगे इसने भी. पर जिस तरह दशहरे मे रावण धू-धू करके चल जाता है ठीक वैसे ही उसके सपने भी दशहरी हो चले है और सब …!!! बेचारे ही हालत आम पापड जैसी हो चली है … जिसे काला नमक डाल कर बडा स्वाद लेकर खाया जाता है
इससे भी बढ कर विडम्बना क्या होगी कि अब आम ही नही खा पा रहा आम आदमी. तो हुआ ना ये आम आदमी का त्योहार. इस त्योहार के लिए ना तो आपको कही टिकट लेना पडेगा और ना कही जाना पडेगा. नजर घुमा कर तो देखिए जनाब, मैंगो मैन फेस्टिवल ही फेस्टिवल दिखाई दे जाएगा जिसमे आम आदमी फुस होता ओह क्षमा करें हाफुस होता दिखाई देगा …
कैसा लगा ये लेख … जरुर बताईगा
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