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26. ब्लॉग से कमाई

 ब्लॉग से कमाई एक मेरी जानकार गृहणी है और सारा दिन कभी कोई धारावाहिक तो कभी कोई धारावाहिक देखती रहती है …अगर मैं ये कहूं कि टीवी के इन सीरियल्स में उसकी मास्ट्री हो गई है तो कहना गलत न होगा. जब भी मिलो तभी सीरियल की ही बातें करती हैं. मैने उसे सुझाव दिया […]

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27. ब्लॉग क्या है – ब्लॉग कैसे बनाएं – ब्लॉग से कमाई

 ब्लॉग से कमाई एक मेरी जानकार गृहणी है और सारा दिन कभी कोई धारावाहिक तो कभी कोई धारावाहिक देखती रहती है …अगर मैं ये कहूं कि टीवी के इन सीरियल्स में उसकी मास्ट्री हो गई है तो कहना गलत न होगा. जब भी मिलो तभी सीरियल की ही बातें करती हैं. मैने उसे सुझाव दिया […]

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28. सम विषम और महिलाएं

सम विषम और महिलाएं धोषणाएं अभी बाकि हैं … पहले सुना कि सुबह 8 से शाम 8 बजे तक की छूट , फिर सुना की रविवार सभी के लिए छूट, फिर सुना कि आपातकालीन के लिए छूट और अब सुनने में आया है कि सुरक्षा के मद्देनजर महिलाओ के लिए सम विषम मे छूट रहेगी […]

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29. How well do you know Ezra Pound? [quiz]

Ezra Pound was a major figure in the early modernist movement. During his lifetime he developed close interactions with leading writers and artists, such as Yeats, Ford, Joyce, Lewis, and Eliot. Yet his life was marked by controversy and tragedy, especially during his later years.

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0 Comments on How well do you know Ezra Pound? [quiz] as of 12/10/2015 7:25:00 AM
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30. नरम धूप

 नरम धूप जाड़ो की नरम धूप लो जी, आ गई सर्दी!! अच्छा लगता है गुनगुनी धूप में बैठ कर उसका आनन्द लेना.धूप के साथ साथ अपनी कुरसी भी सरकाना और अगर अडोसी पडोसी मिल जाए तो  बैठ कर इधर उधर की बतियाना और चुगली चपाटियां करना. वैसे पालक, हरी हरी मैथी जिसे बीनारना  साफ करना […]

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31. कथा कहानी

कथा कहानी बहुत सम्भाल कर रखी हुई हैं ये कतरनें … पर कागज ही तो है पीला पडने लगा है इसलिए सोचा कि क्यू ना ब्लाग पर स्केन करके डाल लू इसी बहाने हमेशा मेरे पास रहेगा मेरा ये अनमोल खजाना यह कहानी गाजियाबाद (यूपी) के सांध्य दैनिक अथाह में 10 मार्च 1992 को प्रकाशित […]

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32. अफवाह वाह या आह

अफवाह वाह या आह कोई हादसा होने पर अफवाहों का बाजार गर्म हो जाता है पर अफवाह कितनी घातक हो सकती है इस बात को भी नही भूलना चाहिए.. ( दैनिक जागरण में जागरुक पाठक के अंतर्गत कुछ साल पहले)    

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33. बच्चों की दुनिया

बच्चों की दुनिया   ( दैनिक जागरण में प्रकाशित ) समय समय पर बच्चों के लिए लेख , कहानियां अलग अलग समाचार पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही. बच्चा बन कर बच्चों के लिखना बहुत मजेदार अनुभव है … ( सांध्य दैनिक समर घोष में प्रकाशित) बच्चों के लिए आयोजित ढेर सारी प्रतियोगिताए

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34. लघु कथा

लघु कथा राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित दो लघु कथाए “मोह भंग” और “फर्ज में फर्क” … ये बात सन 1998 की है ( क़ुछ कतरन)

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35. नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी

नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी और उनका निस्वार्थ सेवा भाव सच मानिए तो कैलाश सत्यार्थी जी का नाम मैने पहली बार कल टीवी पर सुना उसके बाद जब उनके बारे मे विस्तार से जाना तो हैरानी के साथ साथ बहुत खुशी भी हुई कि इतने सालों से इतना बडा काम कर रहे हैं वो..!!!. रक्तदान से […]

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36. दिल की बात

दिल की बात पिछ्ले सप्ताह मेरी सहेली मणि के अंकल की अचानक तबियत खराब हो गई शायद हार्ट अटैक था. उन्हें तुरंत दिल्ली लेकर जाना पडा. मैं, जब मणि के घर मिलने गई तो वो बेहद उदास थी. मैनें समझाया चिंता मत कर. इस पर वो मुझे बोली कि तू हमेशा कहती है कि जो […]

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37. भारतीय महिलाए और समाज

  भारतीय महिलाए और समाज  महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में एक महिला ने शनि महाराज को तेल चढा दिया. इसके बाद बवाल खडा हो गया क्योकि ट्रस्ट का कहना है कि 400 साल की परंपरा में पहली बार किसी महिला ने मंदिर के चबूतरे पर चढकर शनि महाराज को तेल चढाया, यहां ऎसा नहीं […]

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38. भेडचाल

भेडचाल हम और हमारी भेड चाल यह जानते हुए थी कि ये रास्ता कही नही जाता….  पिछ्ले दिनों दिल्ली से लौटते वक्त, नेशनल हाई वे पर, बहुत सारी भेडें सडक इस तरह से घेर कर चल रही थीं मानों हाई वे न होकर किसी खेत की पगंडडी हो इसलिए कार की रफ्तार बेहद धीमी करनी […]

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39. चलो स्कीम बनाए

चलो स्कीम बनाए ये व्यंग्य दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ. बाजार में त्योहार आते नही कि स्कीमें शुरु हो जाती है. फलां के साथ फलां फ्री आदि  अब शापिंग की शौकीन महिलाओ को स्कीम के तहत कुछ भी फ्री का मिले तो खुश होना स्वाभाविक ही है पर स्कीम का अंत होता क्या है बेशक […]

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40. हे मेरे भगवान

  हे मेरे भगवान समझ से बाहर है कि आज समाज में ये हो क्या रहा है. इतना दुख है ये सब देख ,पढ और सुन कर कि  दिमाग विचार शून्य है. जहां न्यूज चैनल एक एक  बयान कुरेद कुरेद कर  दिखाने में जुटे हुए हैं  इतनी जबरदस्त और खतरनाक राजनीति हो रही है कि […]

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41. मेरा भारत महान

  मेरा भारत महान हे भगवान !!! समझ से बाहर है कि आज देश में ये हो क्या रहा है. इतना दुख है ये सब देख ,पढ और सुन कर कि  दिमाग विचार शून्य है. जहां न्यूज चैनल एक एक  बयान कुरेद कुरेद कर  दिखाने में जुटे हुए हैं  इतनी जबरदस्त और खतरनाक राजनीति हो […]

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42. बच्चे और डर

बच्चे और डर आज बहुत साल बाद एक जानकार से मिलना हुआ. जब हम पहले मिले थे तब तो उनका बेटा सिर्फ 4 साल का था. वो बहुत शरारती  था. वो जब भी  जिस बात के लिए जिद करता या रोता उसे “”हाऊ आ जाएगा” कह कर डराया जाता  वो डर जाता और चुपचाप कहना […]

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43. उधार का सुख

उधार का सुख उधार का सुख कैसे हो सकता है जबकि सभी लोग उधार के नाम से ही कतराते हैं पर मेरी इस पात्रा को उधार के नाम से बेहद खुशी मिलती है पर कैसे यही जानने के लिए पढना पडेगा उधार का सुख उधार का सुख नामक व्यंग्य दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ.

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44. ब्लाग जगत

  ब्लाग जगत बात उन दिनों की है जब नेट उतना सक्रिय नही था और मैं अपनी रचनाएं लिख कर अलग अलग समाचार पत्र और पत्रिकाओं में भेजा करती. काफी छ्प जाती और काफी वापिस भी आ जाती .. देखा जाए तो छपना बेहद खुशी देता और रचना का धन्यवाद सहित लौट कर आना भी […]

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45. Maids Home Services

    Maids यानि काम वाली बाई या आया का आजकल बहुत प्रचलन हो गया है . इन्हे घर में रखना हर घर की प्राथमिकता बन चुकी है.बच्चे अपने माता पिता पर नही बल्कि इन पर ज्यादा भरोसा करते हैं.

कुछ दिनों पहले एक बच्चे के हैप्पी बर्थ डे पर जाना हुआ. खूब सारे छोटे छोटे बच्चे आए हुए थे.बच्चे जितने स्मार्ट थे मम्मियां उतनी ही अलग सी लग रही थी. एक महिला चुपचाप एक किनारे पर बैठी चुपचाप बच्चों को देख रही थी. मैं उन्ही के पास बैठ गई. तभी उस महिला की चार साल की बेटी आई और नाराजगी में बोली कि आप चली जाओ ना. यहां किसी की मम्मी नही आई. वो महिला उदास सी हो गई. फिर बेटी बच्चो के साथ खेलने चली गई. मेरे पूछ्ने पर उस महिला ने बताया कि उसकी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा समय अपनी बेटी के साथ रहे पर इस आया (maid)  कल्चर की वजह से परेशान है क्योकि बेटी कहती है कि सभी के घर में  maid है तो आप को भी रखनी चाहिए. बातो बातो में मुझे ये पता चला की वो महिला गोल्ड मेडलिस्ट और यूनिवर्सिटी टापर भी रही है पर बेटी होने के बाद् नौकरी इस वजह से  छोड दी कि बेटी की खुद परवरिश करेगी पर …!!! उसे ये समझ नही आ रहा कि उसने कहां और क्या गलती की. उसका मूड इतना खराब था कि उस समय उससे बात करना सही नही था.

केक कटने वाला था वो उठ कर बच्चों के पास चली गई और मैं सोचने लगी कि गलती इस महिला की नही बल्कि उन महिलाओं की है जो कामकाजी न होने के बावजूद भी स्टेटेस सिम्बल दिखाने के चक्कर में अपने बच्चों को अपने से दूर करती जा रही हैं. बच्चों को जितना लगाव अपनी maid से होता जा रहा है ये अच्छा सकेंत नही है. अब तो मेरा भी मूड आफ हो गया क्योकि पार्टी में 99% maid ही आई हुई थी बच्चों के साथ…

Maids Home Services

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46. ब्लाग लेखन

ब्लाग लेखन

सोशल नेट वर्किंग साईट में अगर किसी फीचर  ने बेहद प्रभावित किया तो वो है ब्लाग लेखन. जिन्हें अकसर समाचार पत्रों के सम्पादकों से शिकायत रहती कि उनका लेख वो नही छापते . इन सभी लेखकों व साहित्यकारों के  लिए एक आशा की किरण बनी ब्लाग लेखन जिसमे असीमित सम्भावनाए है बस आप के लेखन में अपनी बात कहने का हुनर होना चाहिए. बेशक, हुनर न भी तो पर लगातार छपने से लेखनी मजबूत होती जाती है और नए नए विचार आते रहते हैं.

 30 जून 2011 की है जब मैने नव भारत टाइम्स में अपना रीडर्स ब्लाग लिखना शुरु किया. तब से आज तक 730 लेख, विचार और कार्टून प्रकाशित हो चुके हैं और आज मुझे रीडर्स ब्लाग से author blog में शामिल कर लिया गया है . निसंदेह बेहद  खुशी का विषय है … !!!

शेष फिर….. नाम देकर  मैनें नए सिरे से  author blog की शुरुआत की है.  दायित्व और भी ज्यादा बढ गया है इसलिए मेरा सदा प्रयास रहेगा कि अपने लेख, कार्टून के माध्यम से अपने विचार और भी दमदार तरीके से व्यक्त कर पाऊ.. !!

http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/monicagupta/entry/upset-ravan

NBT Author blog ( Monica Gupta)

NBT Author blog
( Monica Gupta)

पहली पोस्ट  author blog के रुप में

ब्लाग लेखन

 

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47. राजनीति, चुनाव और जुमले

         

राजनीति, चुनाव और जुमले

चुनावी घमासान

पिछ्ले दिनों चुनावों के चलते जबरदस्त राजनीति छाई हुई है. वही मीडिया भी बढ चढ कर एक एक टवीट और एक एक कुरेदा हुआ बयान बढ चढ कर दिखा रहा था. इसी बीच एक खबर और आई. सम्बंधित और प्रेरित वो राजनीति से थी पर अफसोस वो सुर्खिया नही बन पाई बस न्यूज चैनल पर स्क्रोल पर ही अपना स्थान बना पाई .

खबर थी जाने माने साहित्यकारों का सम्मान लौटाना. मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल  जोकि पंडित जवाहरलाल नेहरू की भांजी  हैं उन्होनें ने अपना  साहित्य अकादमी पुरस्कार(पुराना ही सही)

   लौटाने का फ़ैसला  यह कह कर किया कि  “सरकार, भारत की सांस्कृतिक विविधता की हिफ़ाज़त करने में नाकाम रही है. इस वजह से ये सम्मान लौटाने का फ़ैसला किया है. इनके साथ साथ अनेक जाने माने साहित्यकार जैसाकि अशोक वाजपेयी, शशि देशपांडे, सारा जोज़ेफ़, सच्चिदानंदन गुरबचन भुल्लर ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए .

http://www.bbc.com/hindi/india/2015/10/151011_atamjit_singh_sahitya_academy_sdp

सोच की बात ये है कि क्या मात्र सम्मान लौटाने से हमारे नेता और उनकी राजनीति का स्तर सुधर जाएगा .. जितनी मुझे समझ आई वो  बात ये है कि बजाय सम्मान लौटाने के उन लेखकों और जाने माने साहित्यकारों  अपनी लेखनी को सशक्त माध्यम बनाते हुए अपने विचार जन जन तक पहुंचाने होंगे ताकि नेताओ के साथ साथ जनता  जनार्दन की मानसिकता मे बदलाव आए. हां, सम्मान लौटा कर कोई हल निकलेगा. एक प्रश्न चिन्ह है. जहां तक मैने देखा और सुना है कि किसी नेता की इस बाबत प्रतिक्रिया तक नही दी … ऐसे मे सम्मान लौटाने का औचित्य ???

वही एक बात और देखी. मोदी जी का एक कार्यक्रम मे बोलना कि ‘अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल भारत के नेल्‍सन मंडेला हैं.’बादल ‘वो महान नेता हैं जिन्हें आज़ाद हिन्दुस्तान में संघर्ष करते हुए भिन्न कारणों से क़रीब दो दशक जेल में रहना पड़ा. इसी बयान को लेकर टवीटर गर्माया रहा और विपक्ष बौखलाया रहा.. आम प्रबुद्द जन से पूछा तो सभी का यही विचार था कि क्या हो गया नेताओ को कुछ भी बोल देते हैं … !!!  

http://www.bbc.com/hindi/india/2015/10/151011_modi_compares_badal_mandela_md

हैरानी इस बात की भी है कि केजरीवाल जी अपना संदेश ओडियों के माध्यम से देते हुए कहते हैं कि इससे नेताओ का फायदा होगा…  अरे !! नेता जी शायद आप भूल गए नेता की श्रेणी में तो आप भी आते हैं वही राहुल जी  का कहना था कि नेताओ के लिए दंगें करवाना आसान हैं..!! समझ से बाहर से कि ये को क्या रहा है और आगे होगा क्या !!!

 राजनीति, चुनाव और जुमले  के बारे में आपके क्या विचार हैं ??

 

 

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48. थैंक यू गूगल

थैंक यू गूगल

 

थैंक यू गूगल .... मोनिका गुप्ता

थैंक यू गूगल …. मोनिका गुप्ता

थैंक यू गूगल

आज सुबह जन्मदिन पर जब कुछ गूगल सर्च कर रही थी तो देखा कि गूगल डूडल  मे केक है  अचानक माउस जब डूडल के पास गया तो देखा … अरे वाह  !!! ये मेरे जन्मदिन की बधाई है …

बहुत खुशी हुई !! गूगल नए नए प्रयोग करता रहता है … जोकि वाकई में सराहनीय है … इसलिए थैक यू कहना तो बनता है गूगल को !!!

Thank you Google for Birthday wishes !!!

 

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49. International Literacy Day

Literacy Day

Please attribute this infographic to https://www.grammarly.com/plagiarism-checker

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50. न्यूज चैनल्स

न्यूज चैनल्स

कुछ देर पहले मणि से बात हो रही थी. विषय था वही धिसा पिटा राधे मां और इंद्राणी का (और अब तो डोली बिंद्रा की एंट्री भी हो गई है) मणि का कहना ये था कि ये चैनल वाले बहुत कोमल दिल के होते हैं किसी का दुख दर्द नही देख सकते इसलिए बार बार ऐसी खबरें दिखाते है.. ह हा हा … मेरा हंसना उसे अच्छा नही लगा इसलिए मैने हंसी रोकते हुए बताया कि ये चैनल वाले कोई ईमोशनल, विमोशनल नही होते.

बहुत करीब से देखा और जाना है मैने ..बस हर बात मे टीआरपी मसाला खोजते हैं और जहां मसाला मिला वही दर्शकों पर छिडकाव कर देते हैं. अगर ध्यान से देखोगी तो पत्थर दिल होते हैं. सबसे जल्दी, सबसे तेज खबर दिखाने के चक्कर मे कई बार लोगो की भावनाओ से भी खेल जाते हैं जिसकी आम आदमी जिंदगी भर भरपाई नही कर पाता.कहां खबर बनानी है और कहां दबानी होती है उसमे एक्स्पर्ट होते हैं ये …

कई बार बहुत दुख होता है जब आम आदमी का जीना ही दूभर कर देते हैं.जैसाकि अगर किसी ताजा उदाहरण की बात करें वो है दिग्विजय सिह की शादी … उनकी पत्नी अमृता जोकि खुद भी न्यूज एंकर है उन्होने लिखा कि वो साईबर क्राईम का शिकार हुई हैं उनके खिलाफ आपतिजनक और अपमान जनक भाषा  का इस्तेमाल किया गया. सोशल मीडिया पर भी बहुत शर्मिंदा किया गया. जबकि उनकी कोई गलती ही नही थी.

कल ही ये लैंटर फेसबुक पर डाला और वायरल हो गया.  और मीडिया को फिर मसाला मिल गया जबकि ये किसी की निजी जिंदगी है इसमे इस तरह से दखल देना … हैरानी इस बात की भी हुई कल एक न्यूज चैनल के सवांददाता ने फेसबुक पर ही लिखा कि उन्होनें बेशक अपने चैनल पर ये खबर बार बार चलाई पर दिल से इस तरह की खबर चलाने पर वो बहुत दुखी हैं. और उसी बात के बाद ह हा हा  हा हा लिखा हुआ था .

समझ से बाहर है कि ऐसी खबरों से किसका और क्या भला होगा. ऐसे में तो  अपना मजाक ही बनवा रहे हैं ये न्यूज चैंनल्स वाले और तो क्या !!!cartoon radhey ma by monica guptaन्यूज चैनल में निष्पक्षता का अंत हो चुका है और शायद यही ब्रेकिंग न्यूज भी है जिसे वो दिखाने से परहेज करते हैं..

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