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1. Green Tea

green tea photo                                                                                                       Green Tea

फैशन ग़्रीन टी का है तो भई हम पीछे कैसे रह सकते हैं.. हमने भी खरीदी( हालाकि महंगी थी पर सेहत के बारे में कोई समझौता नही)  खरीदी  और सुबह सुबह पीनी शुरु कर दी. वैसे कुछ भी कहिए इसकी पैंकिग बहुत ही स्टाईलिश सी  होती है वाकई में ऐसा महसूस होता है कि हम कुछ शानदार पी रहे हैं

कुछ सहेलियों से बातचीत हो रही तो पता चला कि खाली पेट नही पीनी चाहिए नुकसान होता है एक सहेली ने बताया कि वो दिन में पांच बार पीती है और उसे अपना वजन कम लग रहा है.हालाकि ये बात उस ने बेहद गम्भीरता से की थी पर हम सभी के चेहरे पर स्माईल आ गई. बात तो उस समय हंसी मजाक मे उड गई पर मेरे मन में बैठ गई कि हरी चाय क्या है इसके बारे मे नेट पर ही सर्च करुगी …

हरी चाय यानि   ग्रीन टी एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। इसका उद्गम करीब ५००० वर्ष पूर्व चीन में हुआ था और आगे चलकर एशिया में जापान से मध्य-पूर्व की कई संस्कृतियों से संबंधित रही. चीन देश में ग्रीन टी की शुरुआत हुई थी|कहते हैं कि चाय के कोमल पत्ते को यदि पीया जाए तो इससे काफी लाभ होता है| ग्रीन टी भी इन्ही पत्तों से बनाई जाती है|

भारत हो या ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों में चाय के कई शौकीन लोग देखने को मिलते हैं और वे इन दिनों सेहतमंद चाय की तरफ कदम बढाते नजर आ रहे हैं| पश्चिम ऑस्ट्रेलिया स्थित स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ अध्यापक कोलिन बिन्स का कहना है कि ग्रीन टी की मांग पहले से काफी अधिक हो गई है| साथ ही यह सेहत की समस्याओं को काफी हद तक घटा देता है| इसकी मदद से स्टोक जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है|

प्रायः लोग ग्रीन टी के बारे में जानते हैं लेकिन इसकी उचित मात्र न ले पाने की वजह से उन्हें उनका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।

हरी चाय का फ्लेवर ताज़गी से भरपूर और हल्का होता है तथा स्वाद सामान्य चाय से अलग होता है। इसकी कुछ किस्में हल्की मिठास लिए होती है, जिसे पसंद के अनुसार दूध और शक्कर के साथ बनाया जा सकता है।[2] ग्रीन टी बनाने के लिए एक प्याले में २-४ ग्राम चाय पड़ती है। पानी को पूरी तरह उबलने के बाद २-३ मिनट के लिए छोड़ देते हैं। प्याले में रखी चाय पर गर्म पानी डालकर फिर तीन मिनट छोड़ दें। इसे कुछ देर और ठंडा होने पर सेवन करते हैं। विभिन्न ब्रांड के अनुसार एक दिन में दो से तीन कप ग्रीन टी लाभदायक होती है। इसका अर्थ है कि एक दिन में ३००-४०० मिलीग्राम ग्रीन टी पर्याप्त होती है।

Green Tea Can Also Be Harmful |

ज्यादातर लोग ग्रीन टी को सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद मानते हैं। इसलिए वे दिन भर में कई बार ग्रीन टी की चुस्कियां लेते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ग्रीन टी का ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कई बार अच्छी चीजों को ज्यादा सेवन सेहत बिगाड़ सकता है। दिन भर में पांच से छह कप ग्रीन टी का सेवन परेशानियों को कारण बन सकता है। ग्रीन टी में कैफीन होता है इसलिए इसे ज्यादा पीने से स्लीपींग डिस्आडर्र की समस्या हो सकती है। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक मानी जाती है इसलिए लोगों को लगता है कि ग्रीन टी के ज्यादा पीने से उनका वजन जल्द से जल्द कम हो जाएगा जो कि पूरी तरह से गलत है। ग्रीन टी के ज्यादा सेवन से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानें।

ग्रीन टी में मौजूद कैफीन इससे होने वाले दुष्प्रभावों का कारण हो सकती है। हालांकि ग्रीन टी में ज्यादा मात्रा में कैफीन नहीं होता है लेकिन एक दिन में ज्यादा ग्रीन टी पीने से बैचेनी, हृदय गति में अनियमितता, अनिद्रा की समस्या, चिंता, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखेने को मिल सकते हैं। वे लोग जो कैफीन की ज्यादा मात्रा के आदी नहीं होते हैं उनमें ये लक्षण जल्दी देखे जा सकते हैं। ग्रीन टी की मात्रा कम करके आप इन लक्षणों से बच सकते हैं।

जब ग्रीन टी को ठीक तरह से गर्म पानी के साथ नहीं मिल पाती है तो पेट की समस्या हो सकती गै। ग्रीन टी बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि ग्रीन टी पानी बिल्कुल उबला हुआ नहीं होना चाहिए नहीं तो जब आप उस गर्म पानी में चाय डालते हैं तो इससे एसिडिटी हो सकती है जो कि पेट की गड़बड़ी व सीने में जलन का कारण बन सकती है।

ग्रीन टी आयरन को अवशोषित करता है जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए जो लोग एनिमीया के शिकार हैं उन्हें ग्रीन टी पीते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इस प्रभाव से बचने के लिए आप चाहें तो खाने के बीच में ग्रीन टी ले सकते हैं या उसमें नींबू मिलाकर भी पी सकते हैं।

कुछ लोगों में ग्रीन टी ज्यादा पीने के कारण कुछ एलर्जी के लक्षण देखे जा सकते हैं। ये लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं जैसे सांस लेने में तलीफ, चेहरे, होंठ व जीभ में सूजन आना।

ग्रीन टी में कैफीन व टैनिक एसिड पाया जाता है जो गर्भावस्था में नुकसानदेह हो सकता है । इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाओं को ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इसे होने वाले शिशु को न्यूरल ट्यूब( मस्तिष्क व रीढ की हड्डी में) जन्म दोष होने की संभावना रहती है।

ग्रीन टी में ऑक्सेलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो गुर्दे में पथरी का कारण हो सकता है। कैल्शियम, यूरिक एसिड व एमिनो एसिड काइस्टीन के साथ फॉस्फेट व ऑक्सेलिक एसिड के साथ संयोजन से गुर्दे की पथरी की समस्या होती है। See more…

Health Benefits of Green Tea In Hindi |

ग्रीन टी के लाभ के बारे में हम सब जानते हैं। एक शोध के मुताबिक रोजाना आठ कप ग्रीन टी हृदय रोग होने की आशंकाओं को कम करती है। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्‍तर को भी कम करती है। साथ ही ग्रीन टी शरीर पर जमा अतिरिक्‍त वसा को भी दूर करने में मदद करती है।

ग्रीन टी में विटामिन सी, पालीफिनोल्स के अलावा अन्य एंटीआक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो शरीर के फ्री रेडीकल्स को नष्ट कर इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाते हैं। इससे शरीर में बीमारियां होने का खतरा कम होता है और शरीर रोग-मुक्‍त होता है।

ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्‍म का स्‍तर बढ़ता है। जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा संतुलित रहती है। कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा संतुलित रहने से रक्त चाप सामान्य रहता है। जिससे हार्ट अटैक आशंका बहुत कम रहती है।

ग्रीन टी मुंह के लिए बहुत फायदेमंद है। ग्रीन टी में ऑक्‍सीकरण रोधी पॉलीफिनॉल पाया जाता है जो मुंह में उन तत्‍वों को खत्‍म कर देता है जो सांस संबंधी परेशानियों के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। See more…

सिग्रेट लत से भी छुटकारा दिलाए   ग्रीन टी

सिगरेट पीने की लत से छुटकारा चाहते हैं तो ग्रीन टी पीजिए। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ग्रीन टी में मौजूद तत्व निकोटीन की लत छुड़ाने में मदद करते हैं। चीन की पत्रिका साइंस चाइना लाइफ में ए रेवोल्यूशनरी अप्रोज फॉर दे सिसेशन ऑफ स्मोकिंग शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने निकोटीन की तलब को शांत करने के लिए ग्रीन टी के तत्वों को मिलाकर एक सिगरेट का निर्माण किया। मालाबार कैंसर इंस्टीट्यूट के अध्यापक फिंस फिलीप ने कहा कि धूम्रपान की लत छुड़ाने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थिरेपी कारगर पाई गई है।

उन्होंने बताया, बहुसंख्यक लोग धूम्रपान आराम पाने के लिए करते हैं। ग्रीन टी में मौजूद अमीनो एसिड एल-थिएनिन तनाव रोधी असर के लिए जाना जाता है। चीन में किए गए अध्ययन के अनुसार ग्रीन टी सिगरेट की लत छुड़ाने का विकल्प हो सकती है। केरल में 21.9 फीसदी लोग धूम्रपान करते हैं।

कोच्चि लेकशोर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के थामस वर्गीज ने कहा कि सिगरेट छोड़ने के बाद ग्रीन टी का सेवन जारी रखने से फेफड़े के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा, ग्रीन टी के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसका सेवन जारी रखने से धूम्रपान से हुई क्षति का दुष्प्रभाव कम होता है। See more…

 

Green Tea Has Side Effects Too | | – Hindi Boldsky

ग्रीन टी यानी की हरी चाय के अनेक प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक गुण हैं। जब आप ग्रीन टी पीते हैं तो आपको पता होता है कि यह आपका वजन कम करेगी, त्‍वचा को सुंदर बनाएगी, बालों का झड़ना रोकेगी और शरीर से गंदगी को बाहर निकालेगी। लेकिन ग्रीन टी का ज्‍यादा सेवन स्‍वास्‍थ्‍य के लिये खराब हो सकता है। जानते हैं कैसे? हरी चाय कब्ज, दस्त, उल्टी, चक्कर और यहां तक ​​कि सिर दर्द पैदा कर सकती है। हरी चाय में कैफीन होती है जो कि अनिद्रा पैदा कर सकती है। तो अगर आप हरी चाय पी कर वजन कम करना चाहते हैं, तो नीचे दिये गए इन चरणों का पालन करें और स्वस्‍थ्‍य तरीके से इस ग्रीन टी को अपने जीवन में शामिल करें।

ग्रीन टी यानी की हरी चाय के अनेक प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक गुण हैं। जब आप ग्रीन टी पीते हैं तो आपको पता होता है कि यह आपका वजन कम करेगी, त्‍वचा को सुंदर बनाएगी, बालों का झड़ना रोकेगी और शरीर से गंदगी को बाहर निकालेगी। लेकिन ग्रीन टी का ज्‍यादा सेवन स्‍वास्‍थ्‍य के लिये खराब हो सकता है। जानते हैं कैसे? हरी चाय कब्ज, दस्त, उल्टी, चक्कर और यहां तक ​​कि सिर दर्द पैदा कर सकती है। हरी चाय में कैफीन होती है जो कि अनिद्रा पैदा कर सकती है। तो अगर आप हरी चाय पी कर वजन कम करना चाहते हैं, तो नीचे दिये गए इन चरणों का पालन करें और स्वस्‍थ्‍य तरीके से इस ग्रीन टी को अपने जीवन में शामिल करें।

इसे ताजा पिएं: फ्रेश तैयार हरी चाय शरीर के लिए अच्छी और स्‍वस्‍थ्‍य वर्धक होती है। आप इसे या तो गर्म या ठंडा कर के पी सकते हैं, लेकिन इस बात का यकीन हो कि चाय एक घंटे से अधिक समय की पुरानी ना हो। ज्‍यादा खौलती गर्म चाय गले के कैंसर को न्‍यौता दे सकती है, तो बेहद गर्म चाय भी ना पिएं। यदि आप चाय को लंबे समय के लिए स्‍टोर कर के रखेंगे तो, यह अपने विटामिन और एंटी-ऑक्‍सीडेंट खो देगी। इसके अलावा, इसमें मौजूद जीवाणुरोधी गुण भी समय के साथ कम हो जाते हैं। वास्तव में, अगर चाय ज्‍यादा देर के लिये रखी रही तो यह बैक्टीरिया को शरण देना शुरू कर देगी। इसलिये हमेशा ताजी ग्रीन टी ही पिएं।

भोजन से 1 घंटा पहले पिएं: ग्रीन टी को भोजन से एक घंटा पहले पीने से वजन कम होता है। इसे पीने से भूख देर से लगती है क्‍योंकि यह हमारी भूख को कंट्रोल करती है। ग्रीन टी को सुबह-सुबह खाली पेट बिल्‍कुल भी नहीं पीनी चाहिये।

ज्‍यादा स्ट्रॉंग ना हो: ज्‍यादा स्‍ट्रॉग ग्रीन टी में कैफीन और पोलीफिनॉल की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है। ग्रीन टी में इन सब सामग्री से शरीर पर खराब प्रभाव पड़ता है। तेज और कड़वी ग्रीन टी पीने से पेट की खराबी, अनिद्रा और चक्‍कर आने जैसी समस्‍या पैदा हो सकती है।

केवल 2-3 कप: पहले भी बोला जा चुका है कि अत्‍यधिक चाय नुक्‍सानदायक हो सकती है। इसी तरह से अगर आप रोजाना 2-3 कप से ज्‍यादा ग्रीन टी पिएंगे तो यह नुक्‍सान करेगी। क्‍योंकि इसमें कैफीन होती है इसलिये तीन कप से ज्‍यादा चाय ना पिएं। Read more…

– LiveHindustan.com

ग्रीन टी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन कई बार यह नुकसानदेह भी साबित होती है। इसलिए खासकर इसकी मात्रा और बनाने के तरीके पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके बारे में बता रही हैं ए. त्रिपाठी

ग्रीन टी को वजन कम करने में मददगार माना जाता है। इसलिए कई लोग इस गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं कि अधिक ग्रीन टी पीने का अर्थ है जल्द वजन कम होना। लेकिन यह अवधारणा पूरी तरह से सही नहीं है। ग्रीन टी सेहत के लिए फायदेमंद है, यह तो हम सभी जानते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा ग्रीन टी सेहत को फायदा कम और नुकसान अधिक पहुंचा सकती है। यह आंखों से नींद चुरा सकती है, शरीर में आयरन की कमी पैदा कर सकती है।

कैफीन हालांकि ग्रीन टी में ज्यादा मात्रा में कैफीन नहीं होता, लेकिन ज्यादा ग्रीन टी पीने से बेचैनी, हृदय गति में अनियमितता, अनिद्रा की समस्या, चिंता, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जानकारों का कहना है कि दिन में चार से पांच कप तक ही ग्रीन टी पीनी चाहिए। इससे ज्यादा ग्रीन टी पीने से उन लोगों में परेशानियां जल्दी दिखने लगती हैं, जो कैफीन की ज्यादा मात्रा के आदी नहीं होते।

पेट की गड़बड़ी अगर ग्रीन टी को सही तापमान के पानी के साथ न पिया जाए तो यह पेट की समस्या का कारण बन सकती है। ग्रीन टी बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका पानी बिल्कुल उबला हुआ न हो। उबला हुआ होने पर जब आप उसमें चाय डालते हैं तो एसिडिटी हो सकती है। See more…

तो ये तो थी नेट के अनुसार कुछ जानकारी पर अपना खुद का अनुभव भी बहुत मायने रखता है … अगर आपके पास भी कोई अच्छी जानकारी हो हरियाली चाय ओह मेरा मतलब ग्रीन टी के बारे में तो जरुर सांझा कीजिगा  :)

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