पोस्ट अच्छी बुरी
कल फेसबुक पर एक पोस्ट देखी. फोटो में आटो वाला अपने वाहन मे विकलांगों को फ्री सर्विस देता है उन्होने अपने ओटो मे यही बात बडा करके लिखवाई हुई थी. उस पोस्ट पर लिखा था बताओ कितने लाईक मिलेंगें और उस पर मुश्किल से 10 -12 लाईक थे.
बात लाईक करने या न करने की नही है क्योकि यकीनन पढते तो सभी है बस अच्छाई को पसंद करने के लिए बस क्लिक नही कर पाते. पर मुझे यकीन है कि ऐसे लोग दिल ही दिल मे प्रशंसा भी करते होंगें.
दो दिन पहले एक अन्य तस्वीर भी देखने को मिली. आठ दस साल की लडकी की तस्वीर थी और उसमे लिखा था कि ” मेरे पापा ने कहा है कि अगर इस फोटो को एक हजार लाईक मिले तो वो सिग्रेट पीना छोड देंगें. मुझे अच्छा लगा कि लगभग 900 से ज्यादा लाईक हो चुके थे. मैने भी तुरंत लाईक कर दिया. हालाकि उसके बाद मुझे वह फोटो न्यूज फीड मे नही दिखी. पता नही लोगो ने उसे लाईक किया या नही वैसे आप चाहे कुछ भी कहें पर कई पोस्ट वाकई में अच्छी होती है.
एक पोस्ट तो पढ कर मजा ही आ गया . उसमे लिखा था कि मैने अभी भगवान की फोटो शेयर की है. इंतजार कर रहा हूं कि शुभ समाचार क्या मिलेगा… क्योकि उस पोस्ट पर लिखा था कि जल्दी से शेयर करो और शुभ समाचार पाओ…
बहुत समय पहले इसी प्रकार के पोस्टकार्ड आया करते थे तब समझ नही आता था कि इसे फेंक दे , फाड दें या जवाबी 50 पत्र लिख कर डाल दे…
खैर पोस्ट हर तरह की है अच्छी बुरी … हमारी ऊपर है कि हम उसे देख कर अनदेखा कर देतें हैं या लाईक करके अपनी सहमति जताते हैं.
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